आकाश, जो कि एक छोटे शहर के बिजनेस ओनर हैं, उनका अकाउंट बैंक द्वारा freeze कर दिया गया था क्योंकि वह कुछ EMI missed कर चुके थे। उन्हें उम्मीद थी कि अब जब अकाउंट freeze है, तो उसमें से कोई transaction नहीं होगा। लेकिन अगले महीने उन्होंने देखा कि उनकी EMI फिर से ऑटो डेबिट हो गई है—even though अकाउंट officially frozen था।
वह परेशान और confused हो गए:
“Freeze अकाउंट से पैसा कैसे कट सकता है?”
चैलेंज:
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बैंक का vague जवाब: “हमारी प्रक्रिया automated है, हमें manually कुछ नहीं पता।”
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बैंक EMI deduct कर रहा था, लेकिन access deny किया जा रहा था।
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Recovery agent बार-बार कॉल कर रहा था, और कह रहा था कि लोन restructure नहीं होगा जब तक default payment नहीं किया जाए।
Action लिया गया:
आकाश ने Lawfully Finance की सलाह ली।
हमारी टीम ने RTI लगवाया बैंक के अकाउंट freeze नोटिस पर, जिसमें खुलासा हुआ कि अकाउंट को आंशिक रूप से freeze किया गया था, पूरी तरह नहीं।
इसके साथ ही हमने bank को एक “Wrongful Debit Notice under RBI Mandate” issue किया।
Result:
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Within 5 working days, EMI refund कर दी गई।
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Bank ने written acknowledgment दिया कि future में बिना consent के कोई डेबिट नहीं होगा।
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Account को full freeze करवाया गया और structured settlement process initiate किया गया।
आकाश की सीख:
“अगर अकाउंट freeze है तो इसका मतलब यह नहीं कि बैंक कुछ भी कर सकता है। Awareness और proper legal step आपको exploitation से बचा सकता है।”